क्या रो नहीं उठता है दिल उनके ग़मो को देखकर, क्या हम अलग़ हैं..
क्या उनका दर्द हमारा नहीं...
क्या नहीं उठती है टिस, उन आवाज़ों को सुनकर जो दर्द में चिखतें है अपनों को खोकर...
क्या नहीं जलता है दिल उनके जलते घरों को देखकर...
क्या नहीं उठती है टिस, उन आवाज़ों को सुनकर जो दर्द में चिखतें है अपनों को खोकर...
क्या नहीं जलता है दिल उनके जलते घरों को देखकर...
वो ज़िंदगी भी क्या ज़िन्दगी जहाँ हर पल एक खौफ़ हो की जाने अगले पल क्या हो...
क्या नहीं करता मजबूर ये दिल सोंचने पर कि आख़िर..
आख़िर ऐसे क्या चूक हुई जो बन बैठें दुश्मन अपने ही अपनों के..
क्या नहीं करता मजबूर ये दिल सोंचने पर कि आख़िर..
आख़िर ऐसे क्या चूक हुई जो बन बैठें दुश्मन अपने ही अपनों के..
क्या उन्हें नहीं है हक़ ख़ुल कर सांस लेने का,
आशियाना और खाने से परे भी है एक ज़िन्दगी, जो उनके पास नहीं..
उनके पास हर पल का खौफ़ है जो हमारे पास नहीं..
उनके पास हर पल का खौफ़ है जो हमारे पास नहीं..
नफ़रत की ये आग कही ख़ाक ना कर दे सब कुछ,
रोक दो इस आग को जो ना जला कर राख़ कर दे,
एक और मासूम की आँखें,
एक और मासूम का बचपन,
किसी के जीने का सहारा...
नफरत से परे भी एक दुनिया है,
अमन और चैन की दुनिया...
जीते है जहाँ सब ख़ुल के सांस लेकर,
गूँजती हैं किलकारियाँ जहाँ बेख़ौफ़ होकर,
करते है इश्क़ जहाँ बेफ़िक्र होकर,
कुर्बान नहीं होते जहाँ अपने ही रखवाले....
क्या इंतज़ार नहीं करती आँखें उस दिन का।।।।
अमन और चैन की दुनिया...
जीते है जहाँ सब ख़ुल के सांस लेकर,
गूँजती हैं किलकारियाँ जहाँ बेख़ौफ़ होकर,
करते है इश्क़ जहाँ बेफ़िक्र होकर,
कुर्बान नहीं होते जहाँ अपने ही रखवाले....
क्या इंतज़ार नहीं करती आँखें उस दिन का।।।।
#kashmir #pain #empathy
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