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Showing posts from November, 2020

love jihad

'लव जिहाद' का भूत एक बार फ़िर से भारत को सता रहा है। भारतीय समाज मूल रूप से प्रेम का विरोधी है। एक ऐसा समाज जहां प्रेम के बजाय दहेज को अधिक महत्व दिया जाता है, एक ऐसा समाज जहां महिलाओं को महज उनकी पसंद का साथी चुनने के लिए 'खोखले सम्मान’ के नाम पर मार दिया जाता है, उस समाज से प्रेम और सौहार्द की उम्मीद करना ही बेमानी है।  रविश कुमार ने 'लव जिहाद' के नाम पर चल रहे साजिश को बख़ूबी बेनकाब किया है। इक ऐसा समाज जो सोते जागते हिंदी फ़िल्मों का प्रेम तो गीत सुनता है लेकिन प्रेम से इतना डरता है कि डर का पूरा भूत ही खड़ा कर देता है। उसी भूत का नाम है 'लव जिहाद'। भारतीय समाज में पुरुषों के विजय और औरतों के जीवन पर एकाधिकार का रूप है 'लव जिहाद'। उस समाज की बेवक़्त, सियासी जरूरत है 'लव जिहाद' जिस समाज में आये दिन होने वाले बलात्कार का भूत कभी इजाद नहीं होता और होगा भी कैसे, समाज की कड़वी सच्चाई उजागर हो जाएगी जिसे झूठी मर्दानगी के तले दबा दिया गया है।  मध्यप्रदेश में लव जिहाद ’के संबंध में कानून की हालिया घोषणा उन लोगों के लिए ताबूत में आखिरी कील है, जिनक...